IBTV : वित्तीय धोखाधड़ी से बचाने व सटीक नेविगेशन जैसे कार्यों में क्वांटम तकनीक की तेजी से बढ़ती उपयोगिता को देखते हुए देश में अब इससे जुड़े मैनपावर को तैयार करने में तेजी आयी है। इसके तहत फिलहाल जो अहम पहल की गई है, उसमें क्वांटम तकनीक को अब देशभर के इंजीनियरिंग कालेजों में प्रमुखता से पढ़ाने की तैयारी में है।
इसे लेकर अखिल भारतीय तकनीक शिक्षा परिषद ( एआइसीटीई ) और राष्ट्रीय क्वांटम मिशन ने मिलकर स्नातक स्तर के लिए क्वांटम तकनीक से जुड़ा एक माइनर कोर्स लॉन्च किया है। जिसकी पढ़ाई कोई भी छात्र अब इंजीनियरिंग की अपनी पढ़ाई के साथ अतिरिक्त विशेषज्ञता के रूप कर सकेगा।
एआईसीटीई ने इसके साथ ही देश भर के सभी तकनीक संस्थानों को इस कोर्स को अपनाने और छात्रों को इसके पढ़ने के फायदों से परिचित कराने को कहा है। एआईसीटीई के मुताबिक इस पाठ्यक्रम को शुरू करने का मुख्य उद्देश्य आने वाली क्वांटम क्रांति के लिए देश में पर्याप्त मैन पावर को तैयार करना है। इन्हीं उद्देश्यों को देखते हुए केंद्र सरकार ने पिछले साल राष्ट्रीय क्वांटम मिशन का ऐलान किया है। इस दौरान छात्र अब अपनी इंजीनियरिंग की पढ़ाई के साथ तीसरे और चौथे सेमेस्टर में इसकी पढ़ाई कर सकेंगे।
स्नातक स्तर के लिए डिजाइन किया गया यह माइनर कोर्स 30 क्रेडिट अंक का होगा। छात्र अपनी इंजीनियरिंग के पढ़ाई के साथ पूल करके भी इसे कर सकेंगे। इस दौरान उन्हें 18 क्रेडिट अंक मिलेंगे। एआइसीटीई के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक इंजीनियरिंग के छात्रों को पढ़ाने के लिए विशेष रूप से तैयार किए गए क्वांटम तकनीक के इस पाठ्यक्रम को अंतिम रूप देने की तैयारियां चल रही है। इसे लेकर शिक्षकों की टीम भी तैयार करने सहित इसके लिए जरूरी प्रयोगशाला आदि को जुटाने का दिशा में प्रयास तेज हुए है। राष्ट्रीय क्वांटम मिशन के तहत इस पूरे कार्यक्रम पर नजर भी रखी जा रही ही है। ऐसे छात्रों को इंटर्नशिप कराने के लिए उद्योगों के साथ ही बातचीत की जा रही है।
क्वांटम तकनीक के विकास से प्रमुख फायदे